एससी-एसटी एक्ट के विरोध में राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के करीब 250 पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफ दे दिया है।
जयपुर। एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन को लेकर राजस्थान में विरोध तेज हो गया है। कांग्रेस और भाजपा के करीब 250 पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफ दे दिया है। ये इस्तीफे पार्टी नेतृत्व को भेज भी दिए गए हैं। इस्तीफा देने वालों में भाजपा के 160 और कांग्रेस के 90 पदाधिकारी शामिल हैं।
जयपुर में एससी-एसटी एक्ट के विरोध में आयोजित सर्व समाज संघर्ष समिति की सभा में एक साथ 250 से अधिक पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफों ने भाजपा-कांग्रेस की चिंता और बढ़ा दी है। खासतौर पर भाजपा सरकार की चिंता बढ़ी है, क्योंकि सभा में एकराय होकर सभी ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही, यह निर्णय भी लिया गया कि कोई भी नेता इलाके में आया तो उसे काले झंडे दिखाए जाएंगे और घरों पर भी काले झंडे लगाए जाएंगे।
चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी
एससी-एसटी एक्ट के विरोध में सर्व समाज संघर्ष समिति की यह सभा आगरा रोड पर राजमहल गार्डन में आयोजित हुई। इसमें सर्वसम्मति से तय किया गया कि यदि एक्ट में फिर से संशोधन नहीं हुआ तो वे आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे। भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाएंगे । सभा के मंच पर भाजपा और कांग्रेस के 250 से अधिक पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे लिखे और इनको प्रदेश नेतृत्व को भेजा गया। इस्तीफे देने वालों में मंडल, ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक के पदाधिकारी शामिल हैं। सभा में समता आंदोलन के संयोजक नारायण पाराशर, मुस्लिम समाज के नेता अब्दुल हमीद, गुर्जर आंदोलन के नेता रामकिशन गुर्जर, श्री करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी, जाट समाज की ओर से डॉ. राज¨सह पप्पू चौधरी और बिजेंद्र चौधरी आदि मौजूद रहे।
तिवाड़ी का शाह से सवाल, आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णो को आरक्षण क्यों नहीं
राजस्थान में विधानसभा चुनाव निकट आते देख आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और समाजों के नेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए चुनाव से पहले आरक्षण के मुद्दे को हवा देने में जुटे हैं। कुछ समय पूर्व भाजपा से अलग होकर भारत वाहिनी पार्टी बनाने वाले वरिष्ठ नेता व विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने सोमवार को सवर्ण जातियों में पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है। तिवाड़ी का कहना है कि सवर्ण जातियों के पिछड़ों को 14 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे को लेकर वे लोगों के बीच जाएंगे। आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाया जाएगा।
तिवाड़ी ने सोमवार को प्रेसवार्ता में कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राजस्थान में भाजपा को अंगद का पांव बनाने की बात बाद में करें, पहले इस बात का जवाब दें कि केंद्र और राज्य सरकार ने अब तक आíथक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण क्यों नहीं दिया। इस बारे में विधानसभा में पारित विधेयक को कानून का रूप क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद सवर्ण समाज के आरक्षण के लिए संविधान की नौंवी अनुसूची में संशोधन क्यों नहीं किया गया?
Reference News Jagran Date: Mon, 24 Sep 2018