गोवा में उन्हें स्कूटर वाला सीएम कहते थे, जानें मनोहर परिकर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

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खास बातें ;अब तक नरेंद्र मोदी सरकार के 4 मंत्रियों का निधन ;परिकर से पहले गोपीनाथ मुंडे, अनिल दवे, अनंत कुमार नहीं रहे ;परिकर मुख्यमंत्री बनने वाले देश के पहले आईआईटियन हैं

मनोहर परिकर अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनकी सादगी का हर कोई कायल रहता था। बतौर मुख्यमंत्री वो बिना किसी की फिक्र किए स्कूटर से भी ऑफिस पहुंच जाते थे। लोग उन्हें स्कूटर वाला मुख्यमंत्री भी कहते थे। परिकर आधी बांह की शर्ट पहनना पसंद करते थे। उन्हें वीआईपी कल्चर पसंद नहीं था, यही वजह थी कि वो रेस्तरां की बजाय फुटपाथ पर चाय-नाश्ता किया करते थे। यहीं से मोहल्लों की खबर जुटा लिया करते थे।
वह कहते थे, "चाय स्टॉल पर सभी नेताओं को चाय पीनी चाहिए, राज्य की सारी जानकारी यहां मिल जाती हैं।" वह पंक्ति में लगकर खाना खाते थे, अपना काम भी लाइन में लगकर ही करवाते थे। उनकी सादगी का अंदाजा इससे लगाइए कि उन्हें हूटर लगी गाड़ियां पसंद नहीं थीं।

डॉ. मनोहर गोपालकृष्णन प्रभु परिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 2000 से 2002 तक, दूसरी बार 2002 से 2005, तीसरी बार 2012 से 2014 और चौथी बार 14 मार्च 2017 से अब तक। 2017 में जब भाजपा गोवा विधानसभा चुनाव में बहुमत से दूर थी, तब दूसरे दलों ने परिकर को मुख्यमंत्री बनाने की शर्त पर ही समर्थन दिया था।

इसके चलते वह दिल्ली से फिर गोवा चले गए। इसके पहले ढाई साल तक वे देश के रक्षा मंत्री रहे। उन्होंने पहला आम चुनाव 1991 में लड़ा था, पर हार गए थे। 1994 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार जीते थे। जून 1999 में वह नेता प्रतिपक्ष बने।

प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी के नाम का प्रस्ताव

  • बात, 2013 की है। गोवा में भाजपा अधिवेशन शुरू हुआ। पूरे देश में बहस छिड़ी हुई थी कि मोदी पीएम पद के उम्मीदवार होंगे या नहीं। पर भाजपा की ओर से मोदी का नाम कोई खुलकर आगे बढ़ाने को तैयार नहीं था। इसी अधिवेशन के मंच से पहली बार परिकर ने मोदी के नाम को पीएम पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावित किया।
  • मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने परिकर से रक्षा मंत्री का पद संभालने को कहा। शुरुआत में परिकर राजी नहीं थे, फिर उन्होंने 2 महीने का समय मांगा और फिर दिल्ली आ गए। परिकर के समय में ही 28 29 सितंबर 2016 को सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

देश के पहले आईआईटी पास मुख्यमंत्री

  • परिकर मुख्यमंत्री बनने वाले देश के पहले आईआईटियन हैं। 1978 में उन्होंने आईआईटी मुंबई से मेटलर्जिकल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। 2001 में आईआईटी बांबे ने उन्हें एल्यूमिनी अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
  • परिकर उस समय विवाद में आए जब 2001 में 51 सरकारी स्कूलों को संघ की शैक्षणिक शाखा विद्या भारती को दे दिया था। 2014 में ब्राजील में फुटबाल वर्ल्डकप को देखने के लिए परिकर के 3 मंत्री गए थे। इस पर 89 लाख खर्च हुए थे। आलोचना पर बोले- वे सरकार के खर्चे से नहीं गए थे।
  • परिकर की पत्नी का नाम मेधा था, उनकी 1981 में शादी हुई थी। पत्नी का 2001 में कैंसर से मौत हो गई थी। परिकर के दो पुत्र हैं, बड़े बेटे उत्पल परिकर इलेक्ट्रिक इंजीनियर हैं। दूसरे बेटे अभिजीत व्यवसाय करते हैं।

टॉप ट्रेंड्स हैशटैग्स

17 मार्च, रविवार की रात 10: 40 बजे के लगभग ट्विटर के सभी टॉप-10 ट्रेंड्स मनोहर पर्रिकर से जुड़े दिखे। टॉप ट्रेंड्स के कुछ हैशटैग्स इस तरह हैं: #ManoharParrikar, #Om Shanti, #Goa CM Manohar, #GoaChiefMinister, #CM of Goa और #Goa CM

इसके बाद लगातार श्रद्धांजलियों और शोक संदेशों का तांता लग गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार एक के बाद एक ट्वीट किए और उनके निधन दुख जाहिर किया। 

पीएम मोदी ने लिखा:
श्री मनोहर पर्रिकर एक अतुलनीय नेता थे। एक सच्चे देशभक्त और असाधारण नेता थे। सभी उनकी प्रशंसा करते थे। उनकी विशुद्ध देशसेवा को पीढ़ी दर पीढ़ी याद रखा जाएगा। मैं उनके निधन से बेहद दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।

इसके बाद अपने अगले दो ट्वीट्स में प्रधानमंत्री ने लिखा:
श्री पर्रिकर आधुनिक गोवा के निर्माता था। उनके ख़ुशमिजाज और दोस्तान स्वभाव की वजह से वो कई सालों तक राज्य के पसंदीदा नेता बने रहे। उनकी जन सरोकारी नीतियों ने सुनिश्चिति किया कि गोवा उन्नति की ऊंचाइयां छू सके। रक्षामंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के लिए भारत श्री पर्रिकर का हमेशा ऋणी रहेगा। जब वो रक्षामंत्री थे तब भारत ऐसे कई फैसलों का गवाह बना जिससे देश की सुरक्षा क्षमता और रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्पादकता तो बढ़ी है पूर्व सैनिकों की जिंदगियां भी सुधरीं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया
मैं गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर जी के निधन से बहुत दुखी हूं। उन्होंने एक साल से ज्यादा वक्त से भयानक बीमारी से बहादुरी से लड़ रहे थे। उन्हें सभी पार्टियों में पसंद किया जाता था और हर राजनीतिक दल में वो सम्मानित भी थे। वो गोवा के प्रिय बेटों में से एक थे। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी संवदेनाएं।

रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया
भारतीय रक्षा मंत्रालय भूतपूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के निधर पर गहरा शोक व्यक्त करता है। उनके मजबूत और फैसले लेने में सक्षम नेतृत्व को रक्षा मंत्रालय याद करेगा। श्री पर्रिकर साल 2014-17 तक देश के रक्षामंत्री रहे।

मौजूदा रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखा:
श्री मनोहर पर्रिकर अब इस दुनिया में नहीं हैं। वो एक संजीदा, ईमानदार और संवेदनशील राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वो सरल और जमीन से जुड़े शख़्स थे। मैंने श्री पर्रिकर से बहुत कुछ सीखा। रक्षामंत्री के तौर पर उन्होंने जिस तरह देश के सुरक्षाबलों का आधुनिक बनाया, उन्हें जिस तरह सक्षम और मजबूत बनाया।।। उनका ये योगदान अतुलनीय रहेगा।

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा
मनोहर पर्रिकर जी के देहांत का समाचार सुनकर बहुत दुःख हुआ। हालांकि वो बहुत समय से बीमार थे तो भी मन इसके लिए तैयार नहीं था कि वह हमें इतनी जल्दी छोड़ जाएंगे। मेरे लिए तो वो भाई की तरह थे इसलिए उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।

कुछ दिनों पहले ही ट्विटर पर आने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पर्रिकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा:
मनोहर पर्रिकर के शोकाकुल परिवार के लिए मेरी संवेदनाएं। मैं उनसे सिर्फ एक ही बार मिली थी, जब वो से दो साल पहले गरिमापूर्ण ढंग मेरी मां से मिलने अस्पताल में आए थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया:
लंबे वक्त से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर जी का जाना दुखद! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं परिवार को शक्ति दे। राजनीतिक जीवन में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। शत् शत् नमन!

बसपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लिखा:
गोवा के मुख्यमंत्री व पूर्व रक्षा मंत्री श्री मनोहर परिकर के निधन की खबर अति दुखःद है। वो काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। श्री परिकर बहुत लम्बे समय से राजनीति में सक्रिय रहे तथा चार बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना।

1 news reference amar ujala 18/03/2019