गुजरात के सूरत में शुक्रवार को एक चार मंजिला व्यवसायिक परिसर में भीषण आग लगने से 18 छात्रों समेत अब तक 20 लोगों की मौत हो गई। ये छात्र वहां कोचिंग के लिए आए थे। अधिकतर छात्रों की मौत घबराहट में तीसरी और चौथी मंजिल से नीचे कूद जाने के कारण हुई। प्राथमिक तौर पर वायरिंग में शॉर्टसर्किट को आग लगने का कारण माना जा रहा है।
सूरत हादसा: 20 की मौत, बचने के लिए कई चौथी मंजिल से कूदे, 3 के खिलाफ मुकदमा दर्ज
उन्होंने आगे कहा, "अभी के लिए सभी तरह की ट्यूशन कक्षाओं पर रोक लगा दी गई है, आवश्यक अग्नि सुरक्षा जांच और अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के बाद ही कक्षाएं संचालित की जा सकेंगी। कक्षाएं लेने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।"
ताजा जानकारी के मुताबिक सूरत पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे में कॉम्प्लेक्स बनाने वाले बिल्डर हर्षल वेकारिया, जिग्नेश और कोचिंग संचालक भार्गव भूटानी को आरोपी बनाया गया है। वहीं सूरत हादसे के गवाहों ने भी दावा किया है कि दमकलकर्मी देरी से पहुंचे थे।
जानकारी के मुताबिक, सूरत के सरथना इलाके में स्थित तक्षशिला कांप्लेक्स की तीसरी और चौथी मंजिल पर दोपहर को आग लग गई। बिल्डिंग में कई दुकानें और कोचिंग सेंटर हैं। हादसे के वक्त इमारत में 50 से ज्यादा छात्र और शिक्षक मौजूद थे। आग की लपटें देखकर वहां आए छात्रों ने जान बचाने के लिए तीसरी और चौथी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, बिल्डिंग से कूदने की वजह से छात्रों की मौत हुई है। सूचना पर पहुंची दमकल की 18 गाड़ियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। वहीं, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी कहा कि ज्यादातर छात्रों की मौत दम घुटने या फिर बिल्डिंग से कूदने की वजह से हुई है। हमने जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश कुमार मिश्रा ने बताया कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें छात्र बिल्डिंग से कूदते हुए दिखाई दे रहे हैं। दमकल अधिकारी ने बताया कि आग से खुद को बचाने के लिए करीब 10 से ज्यादा छात्र तीसरी और चौथी मंजिल से कूद गए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने जांच के आदेश देने के साथ ही मृतक छात्रों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।